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So don't fear
if you hear
a foreign sound
to your ear
It's alright Ma,
I'm only sighing!!
Some apt line comes to my mind:
इलाही फिर मज़ा क्या है तेरी दुनिया में रहने का
हयात-ए-जाविदा मेरी ना मरग-ए-नागहा मेरी
***
किसी मौसम का झोंका था
जो इस दीवार पर लटकी हुई तस्वीर तिरछी कर गया है।
***
बस तेरा नाम ही मुकम्मल है
इस से बेहतर भी नज़्म क्या होगी।
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