तुमसे बहुत कुछ कहना था। तुम सुनने को रुकी नहीं। तुमसे बहुत कुछ सुनना था। तुमने कभी कहा नहीं। शायद मेरी आवाज़ कभी तुम तक पहुँचे। क्योंकि हमको जो कहना था, तुमसे ... वो कह दिया है आज। हाँ, अपनी जगह बैठे ही कहा है। हाँ, बिना रिकॉर्ड किये कहा है। हाँ, किसी के सुने बिना कहा है। शायद मेरी आवाज़ कभी तुम तक पहुँचे। उससे क्या होगा पता नहीं। उस दिन क्या होगा, पता नहीं। लेकिन जिस दिन तुम तक वो आवाज़ पहुँचे, शायद तुम्हारी आवाज़ हम तक वापस पहुँचे। तब तक के लिए ये सुनो -
No comments:
Post a Comment