मेरा पूरा ब्लॉग तो तुमने पढ़ा है, पता नहीं कितनी ही बार। तो तुमको भी लगता होगा न कि पता नहीं कितनी उदास अधूरी कहानियों से गुज़र कर हम यहाँ तक पहुंचे हैं। अगर लगता है तो ऐसा गलत भी नहीं होगा शायद।
लेकिन उन उदास अधूरी कहानियों में कभी-कभार कुछ अच्छे मोड़ भी रहे हैं। और उन अच्छे दिनों में, उन अच्छे मोड़ों पर मन उतना उदास नहीं हुआ करता था। उन दिनों के रंग भी अलग होते थे, सपने भी, और संगीत भी। और जब उदास दिनों पर इतना कुछ लिखा है और अधूरेपन के गानों की एक छोटी सी सूची भी बना दी थी ( यहाँ ) तो फिर कुछ प्रसन्न मन गाने भी क्यों न याद कर लिए जाएँ !
अब ये मत पूछना कि ये गाने कब, किस दौर में, और किसके लिए हैं। हमेशा की तरह मेरा जवाब वही होगा - एक उदास मुस्कान !!!
सावन बरसे तरसे दिल - दहक (लिंक)
इक मुहब्बत का दीवाना
ढूंढता सा फिरे
कोई चाहत का नज़राना
दिलरुबा के लिए
ये खोया खोया रहता है - डोली सजा के रखना (लिंक)
वो सुब्ह का तारा है
हाँ वो किस्मत से हमारा है
तुम्हे हो न हो - घरौंदा (लिंक)
मगर मैंने ये राज़ अब तक न जाना
कि क्यों प्यारी लगती हैं बातें तुम्हारी
मैं क्यों तुमसे मिलने का ढूँढूँ बहाना
कभी मैंने चाहा तुम्हे छू के देखूं
कभी मैंने चाहा तुम्हे पास लाना
फिर भी जो तुम दूर रहते हो मुझसे
तो रहते हैं दिल पे उदासी के साये
उफ़्फ़ तेरी अदा - कार्तिक कॉलिंग कार्तिक (लिंक)
देख के भी नहीं हो यकीं
ओ मेरे दिल के चैन - मेरे जीवन साथी (लिंक)
यूँ तो अकेला भी अक्सर
गिर के सम्हल सकता हूँ मैं
तुम जो पकड़ लो हाथ मेरा
दुनिया बदल सकता हूँ मैं
माँगा है तुम्हें दुनिया के लिए
अब खुद ही सनम फैसला कीजिये
और एक ये भी:
ओमारो पोरानो जहा चाय - रवीन्द्र संगीत (लिंक)
तूमि छाड़ा आर ए जोगोते
मोर केहो नाइ किछु नाइ गो
तूमि शुखो जोदि नहीं पायो
जाओ शूखेरो शोंधाने जाओ
एमी तोमारे पेयेछी हृदोयो माझे
आरो किछु नाही चाई गो
आमी तोमारे विरोहे रोहिबो बिलीनो
तोमितो कोरीबो बाश
दीर्घो दीबोशो दीर्घो रोजोनि
दीर्घो बोरोशो माश
और भी बहुत से गाने हैं, बहुत सारे ... लेकिन अब वो सब और ये सब भी शायद अगली बार सुनाऊंगा... अगली बार माने अगले जनम में !
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