मेरे पास बहुत सारी कहानियाँ हैं। बहुत सारी कविताएं। ढेर सी नज़्मे। हर नज़्म के पीछे की कहानी, हर कहानी में एक ग़ज़ल, हर कविता की कई कहानियां।
किस्से, शेर, छंद, इतिहास, समाज, धर्म, शास्त्र, विज्ञान, गल्प, जीवनी, हास्य, व्यंग्य ... और भी बहुत कुछ।
कभी तुम जो साथ आ के बैठो और ऐसे ही बात चल निकले तो तुम्हे हर शहर से जुड़ा कुछ सुनाऊँ। हर उम्र से, हर दौर से, और हर दुख से जुड़ा कुछ। कुछ सीख वाला, कुछ शरारत वाला, कुछ मुहब्बत वाला, और कुछ बिल्कुल बे-सिर-पैर वाला भी।
इतनी कहानियाँ और सुनाने की इतनी हसरत। इतनी कहानियाँ और सुनने की इतनी हसरत। काश हमारे पास थोड़ी सी फ़ुरसत भी होती।
जब फ़ुरसत हो, आना। जल्दी आना। तुम्हे सुनाये बिना ये कहानियाँ मैं भूलना नहीं चाहता।
3 comments:
Wowww.. This was beautiful piece!!!
Wowww.. This is a beautiful piece :)
Wowww.. this is a beautiful piece!!
Post a Comment